प्रभु (भाई) तड़वी

गांव वाघड़िया, केवड़िया कॉलोनी, गुजरात

“यहां वाघड़िया में लकड़बग्घे और बाघ भी हुआ करते थे। लेकिन केवड़िया कॉलोनी के निर्माण के बाद से धीरे-धीरे जंगल कम होते जा रहे हैं। जंगल काटे जा चुके हैं। ठेकेदारों ने जंगल साफ़ कर दिये हैं। अपने कर्मचारियों के लिए जब भी ज़रुरत हुई, वे कॉलोनी का विस्तार करने के लिए जंगल काट देते हैं। तो जंगल कम होते चले गए…इससे पहले काफी घने जंगल हुआ करते थे। उन जंगलों में हमारे मवेशी चारा करते थे। तब कोई पाबंदी नहीं थी। पर अब तो बस बागान हैं। और लोगों को नदी में से बहुत बढ़िया मछलियां मिला करती थीं। उन दिनों में कई किस्मों की मछलियां मिलती थी। तब सिर्फ एक जाली और टोकरी का जाल इस्तेमाल किया जाता था। झींगा पकड़ने के लिए अलग तरीका था। झींगा पकड़ने के लिए बांस का जाल इस्तेमाल किया जाता था। बारिश के मौसम में तो बड़ी मात्रा में मछलियां मिलती थी, खास तौर पर झींगा मच्छी। पर अब ऐसा नहीं है…मानसून के दौरान (नदी की) मिट्टी हमारे खेतों पर जम जाती थी, जिससे ज़मीन फिर ताज़ा हो जाती थी और फसलों की पैदावार भी बढ़ जाती थी। लेकिन बांध के बनने के बाद, सारी मिट्टी  बांध के पीछे रुक जाती है, और हर साल अबतो उल्टा हमारी ज़मीन की मिट्टी का कटाव बढ़ता जा रहा है…”

प्रभुभाई तड़वी। 

नर्मदा बचाओ आंदोलन के सबसे दिग्गज नेताओं में से एक, बांध निमार्ताओं के गढ़ के नज़दीक स्थित गांव वाघड़िया में उनका घर ही एक लंबे समय तक नर्मदा बचाओ आंदोलन का कार्यालय था। इसकी वजह से प्रभुभाई और उनके परिवार को सरकार के अप्रत्याशित दबाव और दमन का सामना करना पड़ा। अक्सर, प्रभुभाई के घर को सैंकड़ों पुलिसकर्मियों द्वारा घेर लिया जाता था और प्रभुभाई को अपने घर में नजरबंद कर दिया जाता था। इस सब के बावजूद, प्रभुभाई ने निडरता से गुजरात में बांध का उस वक़्त डटकर मुकाबला किया, जब गुजराती समाज का एक बड़ा हिस्सा सरदार सरोवर को राज्य की जीवन रेखा मनाता था। यहाँ अपने साक्षात्कार में प्रभुभाई सरदार सरोवर बांध और बांध निर्माता के लिए बनी केवड़िया कॉलोनी के निर्माण के पहले के, नर्मदा के किनारे बसे अपने गांव वाघड़िया और उसके लोगों के जीवन कों बयां करते हैं।  सरदार सरोवर परियोजना कॉलोनी, केवड़िया कॉलोनी के लिए 1961 में ही प्रभुभाई के गांव वाघड़िया में मंदिर की भूमि को छोड़कर सभी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया था। और लोग बिना पुनर्वास के अपनी अधिग्रहीत भूमि की परिधि पर रह रहे हैं।

इस क्लिप में शामिल की गई तस्वीरें वाघड़िया और केवड़िया कॉलोनी और उसके आस-आस के इलाके की हैं और कुछ तस्वीरें बांध के ऊपर के और निचले इलाकों की हैं।  

साक्षात्कार की अवधी:
00:43:44

भाषा:
गुजराती, अंग्रेजी सबटाइटल्स के साथ

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