रेहमत

डूब प्रभावित गांव चिखल्दा, मध्य प्रदेश

रेहमत, मध्य प्रदेश के डूब के गांव चिखल्दा के निवासी और खुद एक विस्थापित व्यक्ति हैं जो नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक हैं। आंदोलन में रेहमत ने बेमिसाल भूमिका निभाई है, जिसमें बडवानी में आंदोलन का मुख्य कार्यालय संभालना, मध्य प्रदेश में विस्थापितों के पुनर्वास में व्यापक भ्रष्टाचार को उजागर करना, जिसकी वजह से 2000 के दशक में फिर से सरदार सरोवर परियोजना को रोका गया, बाबा आमटे और साधना ताई के आनंदवन लौटने के बाद उनके नर्मदा किनारे स्थित निवास “निज-बल” की देखरेख करना, परियोजना से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर शोध और विश्लेषण करना और इन मुद्दों पर व्यापक रूप से लेखन आदि शामिल है। रेहमत का आंदोलन से जुड़ाव बहुआयामी और असाधारण रहा है। रेहमत अभी भी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और साथ-साथ वे मंथन अध्ययन केंद्र के वरिष्ठ सदस्य भी हैं, जो जल और ऊर्जा के मुद्दों पर कार्य करने वाली एक संस्था है।

क्योंकि रेहमत नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता रहे हैं, उनका यह साक्षात्कार आंदोलन की विभिन्न रणनीतियों को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लंबे समय से आंदोलन के कार्यकर्ता रहने के नाते, रेहमत एक आंदोलन को खड़ा करने की प्रक्रिया को समझाते हैं। साक्षात्कार में नर्मदा घाटी में बाबा आमटे और साधना ताई के आगमन और फिर उनके वापस लौटने की तथा इसके आंदोलन पर हुए प्रभाव की चर्चा भी की गई है। रेहमत के इस साक्षात्कार में आंदोलन के मजबूत पक्षों और उसके सामने पेश आने वाली चुनौतियों की चर्चा की गयी है और आंदोलन की रणनीतियों का विश्लेषण भी शामिल है।

हालांकि यहां साझा किए गए पूरे साक्षात्कार को सुनना ज़रूरी है क्योंकि रेहमत जिन मुद्दों की चर्चा करते हैं, वे आपस में जुड़े हुए हैं, लेकिन जो लोग कुछ ख़ास विषयों या रणनीतियों में रूचि रखते हैं, वे सीधे निचे चिन्हित किये गए हिस्सों को देख सकते हैं।

रेहमत और उनके गांव चिखल्दा के बारे में: 0:00:00 से 0:12:00

जन आंदोलन में कार्यकर्ता आधार का निर्माण: 0:12:00 से 0:18:40

जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) और मध्य प्रदेश में अन्य बांधों से प्रभावित क्षेत्रों में नर्मदा बचाओ आंदोलन का विस्तार: 0:18:40 से 0:26:00

आंदोलन में निर्णय लेने की प्रक्रिया: 0:26:00 से 0:53:00

रणनीति के रूप में ‘हमारे गांव में हमारा राज’: 0:53:00 से 1:03:00

रणनीति के रूप में ‘हम डूबेंगे पर हटेंगे नहीं’: 1:03:00 से 1:15:00

जनहित याचिका और सर्वोच्च न्यायालय: 1:15:00 से 1:28:00

रणनीति के रूप में सत्याग्रह, जल समर्पण और अहिंसा: 1:28:00 से 1:43:00

जन आंदोलन का वैयक्तिकरण: 1:43:00 से 1:50:00

बाबा आमटे का नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ना: 1:50:00 से 2:06:00

बाबा आमटे की आनंदवन को वापसी: 2:06:00 से 2:22:00

आनंदवन लौटने के बाद बाबा आमटे के आश्रम का कामकाज: 2:22:00 से 2:43:00

साक्षात्कार की अवधी: 2:43:00

भाषा: हिंदी और निमाड़ी, सबटाइटल्स अंग्रेज़ी में 

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