रुकमणी (काकी) पाटीदार

डूब प्रभावित गांव: छोटाबड़दा, मध्य प्रदेश

रुकमणी (काकी): “महेश्वर संघर्ष भी एक बांध के खिलाफ ही था। जैसे सरदार सरोवर है, वैसे ही मंडलेश्वर परियोजना थी। तो हमें वहां जाना ही था। हमें उन्हें सहयोग देना ही था। हमें उन्हें समर्थन देना ही पड़ेगा। हमें सब जगह काम करना है।” रुकमणी पाटीदार, जिन्हें काकी से भी जाना जाता है, नर्मदा बचाओ आंदोलन की सबसे दमदार महिला नेताओं में से एक है।

रुकमणीकाकी अपने साक्षात्कार में, नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा अपने कार्यक्षेत्र के सरदार सरोवर परियोजना के इलाके से नर्मदा घाटी में अन्य बांधो से प्रभावित इलाकों तक के विस्तार के कार्य और उसके महत्व के बारे में बात करती हैं और महेश्वर पनबिजली परियोजना के खिलाफ एक शक्तिशाली जन आंदोलन खड़ा करने मे अपनी भूमिका की चर्चा भी करती हैं। महेश्वर बांध से प्रभावित लोगों को एकजुट करने में खुद की भूमिका के अलावा, वे नर्मदा बचाओ आंदोलन के अन्य कार्यकर्ताओं की भूमिका के बारे में भी बात करती हैं। वे महेश्वर बांध के खिलाफ किए गए कई अनूठे और शक्तिशाली कार्यक्रमों के बारे में बताती हैं जिनमें बांध स्थल पर कब्ज़ा करना, रस्तों को जाम करना ताकि निर्माण सामग्री बांध निर्माण स्थल तक न पहुंच सके, लोगों पर सरकार द्वारा की गई दमकारी कार्रवाई, जेल पर कब्जा करना और इस सफल संघर्ष से जुड़ी विस्तृत जानकारी शामिल हैं।  

इस वेबसाइट पर यह अकेला साक्षात्कार है जो सरदार सरोवर परियोजना के खिलाफ हुए संघर्ष के अलावा किसी अन्य संघर्ष, यानी महेश्वर बांध के खिलाफ संघर्ष पर रोशनी डालता है। यह साक्षात्कार इसलिए भी महत्व रखता है क्योंकि इसमें सरदार सरोवर परियोजना के खिलाफ हुए संघर्ष से मिले अनुभव और समझ के आधार पर नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा अन्य संघर्षों को खड़ा करने के लिए दिए गए समर्थन के बारे में चर्चा की गई है।

साक्षात्कार की अवधी: 00:38:00

भाषा: हिंदी, सबटाइटल्स अंग्रेज़ी में 

सबटाइटल्स को वीडियो के नीचे दाईं ओर ‘CC’ बटन पर क्लिक करके चालू और बंद किया जा सकता है