भगवती (भाभी) पाटीदार

डूब प्रभावित गाँव कुंडिया, मध्य प्रदेश

“महिलाओं को भी लड़ाई तो लड़नी ही थी, नहीं लड़ेंगे और अगर घर बैठेंगे तो कुछ होना है नहीं। अभी अपन तो ठीक हैं पर आने वाली पीढ़ियों को इसके परिणाम झेलने पड़ते, क्योंकि सरकार तो ऐसे मानेगी नहीं। इसलिए महिलाओं का भी जाना, समझना और देखना कि क्या होने वाला है आगे, ज़रूरी था। महिलाएं जुड़ी तो आंदोलन को बहुत ताकत मिली। मतलब बहनों के पीछे आदमियों को भी रहता है कि एकदम से पुलिस भी हाथ नहीं लगा सकती है, क्योंकि बहने हैं। इसलिए आंदोलन को बहुत ताकत रही और भाइयों को भी बहुत ताकत रही- बहनों से…एक बार तो बड़वानी से अरेस्ट करके ले गए थे…कार्यक्रम तो यही रखा था कि बाँध को बंद करो और पहले पुनर्वास का देखो, कि किसको क्या मिलने वाला है, किसको कहाँ ज़मीन दोगे…  यही मुद्दा था पहले कि बाँध का काम बंद कर दो और (बताओ) कि कहाँ है ज़मीन  सभी (के पुनर्वास) के लिए? तो वहीं से अरेस्ट करके सबको महेश्वर-मंडलेश्वर ले गए थे…मुझे याद है कि मुझे पहली बार अरेस्ट किया गया था…महिला पुलिस थी। सबको एक-एक करके उठा-उठा के (अरेस्ट किया गया)…थोड़ा-थोड़ा पहले मन में था कि क्या होगा, क्या नहीं? पर फिर ऐसा डर नहीं लगा… सुबह ले गए हमें और रात को छोड़ दिया 8-9 बजे, छोड़ने आए थे गाँव तक। तो फिर डर कम हो गया। अब लड़ाई तो लड़नी है, फिर डरेंगे तो काम भी नहीं होगा। डरेंगे तो फिर वे और डरायेंगे, तो ऐसा करके मन में थोड़ी हिम्मत बनाई…पहले, यही था कि बहुएं घर पर ही रहे, बाहर नहीं निकलना, किसी से बात नहीं करना, बड़ों के सामने बोलना नहीं। पहले ऐसी मर्यादा थी गाँव में…अब यह है कि सबसे बात भी कर सकते हैं, और थोड़ा घूमे-फिरे भी हैं तो थोड़ा नॉलेज भी बढ़ी है, किसी से कहीं भी बात भी कर सकते हैं…”।   

भगवती भाभी का विस्मित कर देने वाला यह सफर मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र की उन सभी महिलाओं के अनुभवों का प्रतिनिधित्व करता है जिन्होंने आंदोलन में सिर्फ हिस्सा ही नहीं लिया बल्कि विभिन्न रूप से महत्वपूर्ण और अनूठी भूमिकाएं निभाई। यह साक्षात्कार नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ने वाली महिलाओं के जीवन में आए परिवर्तनों को समझने में हमारी मदद करता है- किस तरह से उन्होंने निमाड़ के पितृसत्तात्मक समाज द्वारा थोपी गई बंदिशों से खुद को आज़ाद करते हुए, न सिर्फ सत्ता को चुनौती दी बल्कि इसके कारण जेल जाने जैसे कठिन अनुभवों के दौरान  हिम्मत से सामना भी किया। 

साक्षात्कार की अवधि: 0:52:49

भाषा: हिंदी ऑडियो, अंग्रेजी में सबटाइटल्स के साथ

सबटाइटल्स को वीडियो के नीचे दाईं ओर ‘CC’ बटन पर क्लिक करके चालू और बंद किया जा सकता है