डूब प्रभावित गांव गांव पिपरी, मध्य प्रदेश
शांताबेन यादव नर्मदा बचाओ आंदोलन की अगुवाई करने वाली प्रमुख महिला नेताओं में से एक हैं।
शांताबेन 1990 के दशक की शुरुआत में हुए ऐतिहासिक फेरकुवा संघर्ष के दौरान अनिश्चितकालीन अनशन करने वाले सात लोगों में से एक थी। इस संघर्ष को सरदार सरोवर परियोजना के खिलाफ महा कूच के नाम से भी जाना जाता है। नमर्दा बचाओ आंदोलन की एक प्रभावी वक्ता और किसान नेता, शांताबेन अपने तीन घंटे लंबे साक्षात्कार में नर्मदा नदी पर बनाए जा रहे बांध का नर्मदा घाटी के लोगों द्वारा विरोध किए जाने के कारणों, सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, उनके संघर्ष, इस संघर्ष में महिलाओं की भूमिका और इस बांध से प्रभावित होने वाले लोगों के सामने पेश आने वाली चुनौतियों की चर्चा करती हैं। यहां पर उनके विस्तृत साक्षात्कार में से एक छोटी क्लिप प्रस्तुत की गई है जिसमें शांताबेन नर्मदा घाटी के लोगों द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के विरोध के पीछे के कारणों को समझाती हैं।
क्लिप की अवधी: 00:01:53
भाषा: मूल आवाज़ निमाड़ी में, सबटाइटल्स अंग्रेजी में
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