शंकर कागड़ा

पुनर्वास स्थल धरमपुरी, गुजरात

शंकर कागड़ा, नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ आदिवासी नेता, गुजरात में सरदार सरोवर बांध के कारण डूबने वाले पहले गांव वडगाम के निवासी थे।

परियोजना और उससे जुड़े निर्माण कार्य तथा बिना किसी उपयुक्त पुनर्वास के अपने घरों और गांवों को छोड़ कर जाने के गुजरात सरकार के अप्रत्यशित दबाव के खिलाफ शंकर कागड़ा और उनके साथ वडगाम के अन्य आदिवासी परिवारों ने  ज़बरदस्त संघर्ष किया।  शंकर कागड़ा की अगुवाई में लड़ा गया यह वडगाम का संघर्ष इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि इस गांव के आदिवासियों की यह लड़ाई बांध के ठीक नीचे लड़ी गई। शंकर कागड़ा गुजरात के डूब के अन्य गांवो के विस्थापितों के संघर्षों की अगुवाई भी करते आये हैं। 

यह शंकर कागड़ा के साथ रिकॉर्ड किये गए छह घंटे लंबे साक्षातकार का एक छोटा सा हिस्सा है। इस छोटी क्लिप में शंकर कागड़ा बताते हैं कि किस तरह डूब उनके गांव और उसके लोगों पर थोपी गई। वे परियोजना से प्रभावित लोगों के प्रति गुजरात सरकार के रवैये के बारे में और इस गैर-कानूनी डूब के कारण उन्हें हुए नुकसान के बारे में बात करते हैं। 

क्लिप की अवधी: 00:01:30

भाषा: मूल आवाज़ गुजराती में, सबटाइटल्स अंग्रेजी में 

सबटाइटल्स को वीडियो के नीचे दाईं ओर ‘CC’ बटन पर क्लिक करके चालू और बंद किया जा सकता है।