लेख

दी हिंदू, 13 ऑगस्ट 21: दोज़ डिसप्लेस्ड बाइ डेवेलपमेंट प्रॉजेक्ट्स हॅव नोवेर टू रिटर्न…नर्मदा बचाओ आंदोलन के मौखिक इतिहास को दर्ज करने के और हाशिए के समुदायों के एक आंदोलन के रूप में इसके महत्व पर इतिहासकार और कार्यकर्ता नंदिनी ओझा के विचार
https://www.thehindu.com/society/those-displaced-by-development-projects-have-nowhere-to-return-nandini-oza/article35891772.ece/amp/?__twitter_impression=true&fbclid=IwAR2bvNxxi-DwlO-L3ZlS9Qx1yuWc0nB_4FU_TE5U7DDILT49N9-Qhr5mdA0

दी वायर (हिन्दी) 16 मई 21: गुजरात ‘मॉडल’ को चुनौती देने वाले केवड़िया कॉलोनी संघर्ष का पुनरावलोकन http://thewirehindi.com/169759/revisiting-the-kevadia-colony-struggle-that-challenged-the-gujarat-model/?fbclid=IwAR2urfRP5ZkJTN5iP4Gw2PfQDcoIKJWVbgWDC5dmMl9vVHJ7W6ORDIToJvA

दी वाइयर (इंग्लिश) 6 मई 21: रिविज़िटिंग दी केवडिया कॉलोनी स्ट्रगल दैट चॅलेंग्ज्ड दी ‘गुजरात मॉडल’ https://thewire.in/rights/revisiting-the-kevadia-colony-struggle-that-challenged-the-gujarat-model

दीवायर (इंग्लिश) 5 फ़रवरी 21: मुलशी सत्याग्रह: रिमेंबरिंग इंडिया’स फर्स्ट एंटी-डैम स्ट्रगल इन इट्स 100थ ईयर  https://thewire.in/rights/mulshi-satyagraha-remembering-indias-first-anti-dam-struggle-in-its-100th-year

दी वाइयर (मराठी ) 18th April 21: मुळशी सत्याग्रह : पहिल्या धरणविरोधी लढ्याची शतकपूर्ती https://thewire.in/rights/mulshi-satyagraha-remembering-indias-first-anti-dam-struggle-in-its-100th-year

सोल ऑफ नर्मदा मूवमेंट, जगन्नाथ काका अब्ज़ॉल्व्स नेहरू ऑफ सैंक्शनिंग हाई डैम (अंग्रेजी) काउंटरव्यू, 18 अक्टूबर, 2020

जगन्नाथ भाई पाटीदार, जिन्हें अपने लोकप्रिय नाम, काका कहके बुलाया जाता था, और जो नर्मदा बचाओ आंदोलन के अग्रणी सदस्यों में से थे, दुःख की बात है कि वह अब नहीं रहे। सरदार सरोवर के खिलाफ 1970 के दशक में मध्य प्रदेश में शुरू हुए आंदोलन के काका द्वारा बताये गए मौखिक इतिहास के कुछ मुख्य अंश यहां प्रस्तुत किये जा रहे हैं। परियोजना के प्रभावों को गहराई से जीने और अनुभव करने के बावजूद, अक्सर परियोजना से प्रभावित लोगों द्वारा यह इतिहास बयां नहीं किया जाता है। अपने मौखिक इतिहास में काका इस मान्यता को चुनौती देते हैं कि नर्मदा पर बनाए जा रहे विशालकाय बांध, सरदार सरोवर का प्रस्ताव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रखा था।

नर्मदा बचाओ आंदोलन में अंतिम दम तक लड़ते रहे ‘काका’ (हिन्दी) डाउन टू अर्थ, 9 अक्टूबर 2020

जगन्नाथभाई पाटीदार (काका), का मौखिक इतिहास प्रचलित मान्यता कि सरदार सरोवर का नर्मदा नदी पर ऊंचा बांध जवाहरलाल नेहरू की देन है, को खंडित करके बांध की ऊंचाई बढ़ाने में जनता पार्टी और मोरारजी देसाई की भूमिका क्या रही, बताता है।  

“हू रिमेंबर्स दी टेंपल डिस्ट्रक्षन इन दी नर्मदा वैली?” राइट, 5 अगस्त 2020” राइट, 5 अगस्त 2020 

सरदार सरोवर बांध से होने वाले धार्मिक स्थलों के विनाश पर फोटो निबंध, नंदिनी ओझा।

नंदिनी ओझा के साथ साक्षात्कार मीडिया आंत्रोपॉलजी रिसर्च कलेक्टिव-साउथ एशिया: “साक्षात्कार और मौखिक इतिहास किसी भी एथनोग्राफी या मानवशास्त्रीय अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण शैली है। इस पोस्ट में, हम ओरल हिस्ट्री एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष (2020 से 2022) नंदिनी ओझा से बात कर रहे हैं, ताकि हम उनके इस शैली का उपयोग करने के व्यापक अनुभव की मदद से इस शैली की अनेक बारीकियों को समझ सकें ।” 2 जून 2018

रिसैटल्ड औस्टीज़ फ्रॉम नर्मदा वैली – ए फ्लॉड सर्वे, श्रीपाद धर्माधिकारी और नंदिनी ओझा, ईपीडब्ल्यू, 23 मार्च 2019

स्वामीनाथन एस अंकलेसरिया अय्यर और नीरज कौशल के लेख ‘आर रिसैटल्ड औस्टीज़ फ्रॉम दी सरदार सरोवर डैम प्रॉजेक्ट ‘बेटर ऑफ’ टुडे?’ के जवाब में लिखा गया निबंध जिसमें दर्शाया गया है कि प्रस्तुत किये गए सर्वेक्षण के आंकड़े विस्थापितों की ज़िन्दगियों के बेहतर होने के लेख के निष्कर्ष का समर्थन नहीं करते हैं।

लर्निंग्स फ्रॉम ओरल हिस्टरीस ऑफ नर्मदा स्ट्रगल: क्वेस्चनिंग एग्ज़िस्टिंग नोशन्स ऑफ नेशन, नॅशनल इंटेरेस्ट एंड डेवेलपमेंट काउंटरव्यू, 1 फरवरी 2019

अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली में आयोजित ओरल हिस्ट्री एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चौथे वार्षिक सम्मेलन में नंदिनी ओझा द्वारा मुख्य प्रस्तुति।

नो, स्वामीनाथन अय्यर, आदिवासिस औस्टेड बाइ दी नर्मदा प्रोजेक्ट आर नॉट लविंग इट. दे आर डेस्परेट स्क्रॉल, सितंबर 2017

नंदिनी ओझा और श्रीपाद धर्माधिकारी द्वारा जवाबी लेख।  

राजमोहन गाँधी’स असर्शन देट अरुंधति रॉय हॅस टेकन स्टेट्मेंट्स मेड डेकेड्स अगो आउट ऑफ कॉन्टेक्स्ट एंड नोट प्रोवाइडेड दी सोर्सेस फॉर हर आर्ग्यूमेंट्स आर टर्न्ड अगेंस्ट हिम

नंदिनी ओझा, ईपीडब्ल्यू, 11 अप्रैल 2015.

गांधी के  लेख “इंडिपेंडेंस एंड सोशल जस्टिस” के जवाब में ऐसे दो उदाहरणों का उल्लेख किया गया है। उनमें से एक महाराष्ट्र में टाटा द्वारा निर्मित मुलशी बांध का उदाहरण है।

हाउ मॉडेस्ट ऑफिसेस ऑफ नर्मदा बचाओ आंदोलन कॉर्डिनेटेड नोन-वायलेंट स्ट्रगल इन नर्मदा वॅली

नंदिनी ओझा, काउंटरव्यू, 5 सितंबर 2018

दी हिस्ट्री ऑफ दी नर्मदा वॉटर डिस्प्यूट ट्रिब्यूनल

जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने अपनी गुजराती में लिखी गई आत्मकथा, मारू जीवन वृतांत, में लिखा है जिसका गैर-गुजराती पाठकों के लिए नंदिनी ओझा द्वारा अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।

लेटर बाय बावा महारिया ऑफ जलसिंधी टू दी देन चीफ मिनिस्टर ऑफ मध्य प्रदेश, दिग्विजय सिंह

जनसत्ता, 22 मार्च 1994