संस्थापक सदस्य, खेडुत मज़दूर चेतना संगठन और आधारशिला शिक्षा केंद्र, मध्य प्रदेश
अमित भटनागर ने अपनी आर्किटेक्चर की पढाई छोड़कर सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष और संगठन का रास्ता चुना। उन्हें आदिवासी प्रतिरोध, कला, संगीत, संस्कृति, इतिहास तथा अर्थव्यवस्था, और इनसे जुड़े ज्ञान और इनके प्रचार-प्रसार में गहरी रुचि है। पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के असाधारण आदिवासी आंदोलन, खेडुत मज़दूर चेतना संगठन के साथ-साथ वे आधारशिला शिक्षा केंद्र के भी संस्थापक सदस्य हैं। खेडुत मज़दूर चेतना संगठन के कार्यक्षेत्र में आने वाले कई गांव नर्मदा के किनारे बसे थे, और इसलिए खेडुत मज़दूर चेतना संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन का अभिन्न अंग बन गया। खेडुत मज़दूर चेतना संगठन की स्थापना में और नर्मदा बचाओ आंदोलन के शुरूआती वर्षों में अमित की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। खेडुत मज़दूर चेतना संगठन के कार्यकर्ता अभी भी नर्मदा बचाओ आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
अपने इस साक्षात्कार में अमित भटनागर मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के आदिवासी इलाकों में के जन संगठन खड़ा करने के अपने अनुभव को हमारे साथ साझा करते हैं। वे खेडुत मज़दूर चेतना संगठन की स्थापना, राज्य तंत्र के स्वरुप और आदिवासियों को हाशिये की ओर धकेलने वाली सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था की चर्चा करते हैं। खासतौर पर वे लोगों को सशक्त बनाने की प्रक्रिया में संगीत की भूमिका, इस क्षेत्र के विभिन्न जन आंदोलनों के स्वरूप और उनके बीच की समानताओं और फर्क के बारे में बात करते हैं। वे नर्मदा बचाओ आंदोलन की स्थापना में खेडुत मज़दूर चेतना संगठन के योगदान और उसमें पेश आई चुनौतियों के बारे में विस्तार से बात करते हैं। वे नर्मदा बचाओ आंदोलन की विभिन्न रणनीतियों पर भी अपने विचार साझा करते हैं और नमर्दा बचाओ आंदोलन का आलोचनात्मक दृष्टि से विश्लेषण करते हुए, इसके मजबूत पक्षों, इसकी सीमितताओं और उपलब्धियों की चर्चा भी करते हैं।
हालांकि यहां साझा किए गए पूरे साक्षात्कार को सुनना ज़रूरी है क्योंकि अमित जिन मुद्दों की चर्चा करते हैं, वे आपस में जुड़े हुए हैं, लेकिन जो लोग कुछ खास विषयों या रणनीतियों में रूचि रखते हैं, वे सीधे निचे चिन्हित किये गए हिस्सों को देख सकते हैं।
अमित और अलीराजपुर के आदिवासी क्षेत्र में उनके प्रारंभिक वर्षों के बारे में: 0:00:00 से 0:08:00
अलीराजपुर के आदिवासी गांवों की समस्याएं; जन संगठन बनाने में पेश आने वाली चुनौतियाँ; खेडुत मज़दूर चेतना संगठन का स्वरुप और क्षेत्र में विभिन्न आंदोलनों के साथ इसका जुड़ाव: 0:08:00 से 0:35:00
जन संगठन के निर्माण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का महत्व: 0:35:00 से 0:45:00
सरदार सरोवर परियोजना, इस मुद्दे से खेडुत मज़दूर चेतना संगठन का प्रारंभिक जुड़ाव और नर्मदा बचाओ आंदोलन का गठन: 0:45:00 से 1:10:00
नर्मदा बचाओ आंदोलन में खेडुत मज़दूर चेतना संगठन की भागीदारी और उसमें पेश आने वाली चुनौतियां: 1:10:00 से 1:40:00
नर्मदा बचाओ आंदोलन की रणनीतियों पर विचार: 1:40:00 से 2:09:00
इस साक्षात्कार में इस्तेमाल की गई एक तस्वीर उपलब्ध कराने के लिए मैं पार्थिव शाह की शुक्रगुज़ार हूँ। बाकी की तस्वीरों का श्रेय समर्थन नेटवर्क में किये गए उल्लेख के अनुसार है।
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साक्षात्कार की अवधी:2:10:00
भाषा: हिंदी, सबटाइटल्स अंग्रेज़ी में
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