सुझाव: मौखिक इतिहास का लेखन एक सहभागिता पर आधारित प्रक्रिया है, इसलिए वेबसाइट को बेहतर बनाने और इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए आपके सभी सुझावों और फीडबैक का स्वागत है।
प्रचार-प्रसार
नर्मदा घाटी के लोगों की आवाज़ों और मौजूदा विकास के मॉडल के खिलाफ उनके संघर्ष को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए, मैं सभी समर्थकों और शुभचिंतकों से इस वेबसाइट और इसपर मौजूद सामग्री का प्रचार-प्रसार करने का अनुरोध करना चाहूंगी। मैं लेखकों, पत्रकारों और सोशल मीडिया पर सक्रिय कार्यकर्ताओं से इस वेबसाइट के बारे में लिखने और इसकी समीक्षा करने का अनुरोध करना चाहूंगी। वेबसाइट के बारे में व्याख्यान और चर्चाएं भी आयोजित की जा सकती हैं ताकि अलग-अलग समूहों तक पहुंचा जा सके, खासतौर पर शैक्षणिक संस्थान, प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर समुदायों के आंदोलन, मानवाधिकार, पर्यावरण, विकासात्मक और नीतिगत मुद्दों पर काम कर रहे संगठनों तक।
मैं साथियों से ‘लढा नर्मदेचा’ के अन्य भाषाओं में अनुवाद और प्रकाशन के लिए और इस मौखिक इतिहास पर आधारित अन्य पुस्तकों (जिन पर काम जारी है) के प्रकाशन के लिए प्रकाशक ढूंढने में भी मदद करने का अनुरोध करना चाहूंगी। फिलहाल ‘अंडरस्टॅंडिंग दी राइज़ ऑफ़ दी गुजरात मॉडल: कॉन्वर्सेशन्स विथ गिरीश पटेल’’ शीर्षक वाली अगली पुस्तक के लिए प्रकाशक की पहचान करने में तत्काल सहायता की ज़रुरत है। इस पुस्तक की पांडुलिपि तैयार है।
सहयोग
इस कार्य के लिए कई प्रकार के समर्थन की ज़रुरत है। साक्षात्कारों को लिपिबद्ध करने और उनके अनुवाद में मदद के अलावा, नर्मदा संघर्ष के समर्थक उनके पास मौजूद तस्वीरें भी हमारे साथ साझा कर सकते हैं, खासतौर पर संघर्ष के शुरुआती वर्षों की जब डिजिटल फोटोग्राफी नहीं हुआ करती थी और इसलिए उस समय की तस्वीरें मिलना मुश्किल है। महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग, चाहे ऑडियो या वीडियो, जिन्हें अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, उन्हें भी साझा किया जा सकता है। संघर्ष गीतों की रिकॉर्डिंग का भी स्वागत है।
अन्य लोगों द्वारा संघर्ष के सदस्यों के लिए गए साक्षात्कारों को भी साझा किया जा सकता है। महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की प्रतियां भी बहुत उपयोगी साबित होंगी।
मित्रों द्वारा दी गई वित्तीय सहायता ने इस कार्य की स्वतंत्रता को बनाए रखने में मदद की है। हालांकि मुझे संस्थागत सहायता भी मिलती रही है, लेकिन मैं साथियों से अपना समर्थन जारी रखने का अनुरोध करना चाहूंगी ताकि इस कार्य को स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ाया जा सके और नर्मदा संघर्ष के मौखिक इतिहास से जुड़े अन्य कार्यों में भी उनके समर्थन का भी अनुरोध करना चाहूंगी।