नर्मदा आंदोलन के मौखिक इतिहास को संकलित करने की यात्रा के दौरान नंदिनी ओझा द्वारा ली गई तस्वीरें (उसके बाद अन्य लोगों द्वारा ली गयी तस्वीरें)
Bawa Maharia Family, Village Jalsindhi, Madhya Pradesh | बावा महारिया का परिवार, डूब प्रभावित गांव जलसिंधी, मध्य प्रदेश
Submergence Village Jalsindhi, Madhya Pradesh | डूब प्रभावित गांव जलसिंधी, मध्य प्रदेश
Manujiji Mukati, Village Narmada Nagar, Madhya Pradesh | मनु (जीजी) मुकाती, ग्राम नर्मदा नगर, मध्य प्रदेश
Pratapbaba, Submergence Village Jangarva, Madhya Pradesh | प्रतापबाबा, डूब प्रभावित गांव जांगरवा, मध्य प्रदेश
Holi Celebrations, Resettlement Site Vadchil, Maharashtra | होली उत्सव, पुनर्वास स्थल वडछील, महाराष्ट्र
Submergence Village Bhadal, Maharashtra | डूब प्रभावित गांव भादल, महाराष्ट्र
Shiv Idol, Submergence village Amlali, Madhya Pradesh | शिव मूर्ति, डूब प्रभावित गांव अमलाली, मध्य प्रदेश
Submergence Village Sondul, Madhya Pradesh | डूब प्रभावित गांव सोंदुल, मध्य प्रदेश
Old Inscription on Stone, Submergence Village Bhilkheda, MP | पत्थर पर पुराना शिलालेख डूब प्रभावित गांव भीलखेड़ा, मध्यप्रदेश
Transportation of fodder by motorboat in submergence villages | डूब प्रभावित गांवों में मोटरबोट द्वारा चारे की ढुलाई
Traditional means of transport -dongi / dungi | परिवहन के पारंपरिक साधन - डोंगी / डुंगी
River Narmada now a reservoir partially submerging Vindhya and Satpuda Hills | नर्मदा नदी अब एक जलाशय बन कर रह गई है जिसमें विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ियों का कुछ हिस्सा भी डूब चुका है
Ready for Holi Celebrations, Maharashtra | होली उत्सव के लिए तैयार, महाराष्ट्र
Hemlets shifted higher up after submergence and tree felling in submergence village Anjanwara, MP | डूब से प्रभावित होने के बाद और पेड़ काटे जाने के बाद अंजनवारा गांव के कुछ फलिए पहाड़ पर ऊपर बसने को मजबूर हो गये।
Village Bhavariya, Madhya Pradesh | ग्राम भवरिया, मध्य प्रदेश
Resettlement site Dharampuri, Gujarat. पुनर्वास स्थल धरमपुरी, गुजरात।
Senior Supporter of NBA Jyotibhai Desai and Maliniben, Vedchi, Gujarat। नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ समर्थक ज्योतिभाई देसाई और मलिनिबेन, वेडछी, गुजरात।
Cotton Harvest, Submergence Village Pipri, Madhya Pradesh। कपास की फसल, गाँव पिपरी, मध्य प्रदेश।
Rakesh Khanna, NBA Activist, Sondul Village, Madhya Pradesh | राकेश खन्ना, नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता, सोंदुल गांव, मध्य प्रदेश
13,000 hectares of forest lost in the submergence zone of Sardar Sarovar Dam | सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में 13,000 हेक्टेयर के जंगल नष्ट हो गए
वरिष्ठ पर्यावरणविद और कल्पवृक्ष के संस्थापक सदस्य आशीष कोठारी द्वारा ली गई तस्वीरें
NBA protests against police arrival for removal of Swayambhu Shivlinga from Shulpaneshwar Temple, Submergence Village- Manibeli. Photo: Ashish Kothari | डूब प्रभावित गांव मणिबेली के शूलपनेश्वर मंदिर से स्वयंभू शिवलिंग को हटाने के लिए पुलिस के आने का नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा विरोध। फोटो: आशीष कोठारी
Swami Agnivesh addressing the NBA blockade of Khalghat Bridge, Madhya Pradesh, 1990. Photo: Ashish Kothari | मध्य प्रदेश में खलघाट पुल की नर्मदा बचाओ आंदोलन की नाकाबंदी को संबोधित करते हुए स्वामी अग्निवेश, 1990। फोटो: आशीष कोठारी
Three Renowned Social & Environment Crusaders of India (L-R) Professor Rajni Kothari, Padma Vibhushan Baba Amte and Padma Vibhushan Sunderlal Bahuguna in NBA struggle. Photo: Ashish Kothari | नर्मदा बचाओ आंदोलन के संघर्ष में भाग लेते हुए भारत के तीन प्रसिद्ध सामाजिक और पर्यावरण योद्धा (बायें-दायें) प्रोफेसर रजनी कोठारी, पद्म विभूषण बाबा आमटे और पद्म विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा। फोटो: आशीष कोठारी
Protest by NBA in Delhi, early 1990s. Photo: Ashish Kothari | 1990 के दशक की शुरुआत में दिल्ली में नर्मदा बचाओ आंदोलन का विरोध प्रदर्शन। फोटो: आशीष कोठारी
Protest by NBA in Delhi before Government offices, Delhi. Photo: Ashish Kothari | नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा दिल्ली में सरकारी कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन। फोटो: आशीष कोठारी
Baba Amte and his colleague Madhubhai on the banks of Narmada, where Baba made village Kasravad his home for over a decade opposing the SSP. Photo: Ashish Kothari | नर्मदा के तट पर बाबा आमटे और उनके सहयोगी मधुभाई, जहां बाबा आमटे ने सरदार सरोवर का विरोध करते हुए एक दशक से अधिक समय तक गांव कसरावद को अपना घर बनाया। फोटो: आशीष कोठारी
Senior leaders of NBA Jagannath Patidar and Mahesh Patidar speaking with Medha Patkar during 22 day fast at Ferkuva, 1990. Laxmiben Patidar (village Piplud) and Shantaben Yadav (village Pipri) of NBA also fasting. Photo: Ashish Kothari | नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ नेता जगन्नाथ (काका) पाटीदार और महेश पाटीदार 22 दिन के उपवास के दौरान मेधा पाटकर के साथ फेरकुवा में बोलते हुए, 1990। नर्मदा बचाओ आंदोलन की लक्ष्मीबेन पाटीदार, गांव पिपलूद और शांताबेन यादव, गांव पिपरी भी उपवास करते हुए। फोटो: आशीष कोठारी
राहुल बनर्जी, खेडुत मजदूर चेतना संगठन, लेखक, ब्लॉगर और आदिवासी मुद्दों पर शोधकर्ता द्वारा ली गई तस्वीरें
Tribal market, sale of bows and arrows. Photo: Rahul Banerjee | आदिवासी बाज़ार, धनुष-बाण की बिक्री। फोटो: राहुल बनर्जी
Rally by Khedut Mazdoor Chetna Sangathan, Alirajpur, MP. Year 1989. Photo: Rahul Banerjee | खेडुत मजदूर चेतना संगठन, द्वारा रैली, अलीराजपुर, मध्य प्रदेश, वर्ष 1989। फोटो: राहुल बनर्जी
राकेश खन्ना, कार्यकर्ता नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा ली गई तस्वीरें
Submergence by Sardar Sarovar Dam, Village Nisarpur, MP, Year 2017. Photo: Rakesh Khannna. | सरदार सरोवर बांध द्वारा डूब प्रभावित गांव निसारपुर, मध्य प्रदेश, वर्ष 2017। फोटो: राकेश खन्ना।
Submergence by Sardar Sarovar Dam, Village Chikhalda, MP, Year 2017. Photo: Rakesh Khanna. | सरदार सरोवर बांध द्वारा डूब प्रभावित गांव चिखलदा, मध्य प्रदेश, वर्ष 2017। फोटो: राकेश खन्ना।
Submergence by Sardar Sarovar Dam, Village Chikhalda, MP, Year 2017. Photo: Rakesh Khanna. | सरदार सरोवर बांध द्वारा डूब प्रभावित गांव चिखलदा, मध्य प्रदेश, वर्ष 2017। फोटो: राकेश खन्ना।
रोहित जैन, फोटोग्राफर और खेडुत मजदूर चेतना संगठन और नर्मदा बचाओ आंदोलन के समर्थक द्वारा ली गई तस्वीरें
Tribal place of worship, Alirajpur, MP. Photo: Rohit Jain | आदिवासी पूजा स्थल, अलीराजपुर, मध्य प्रदेश फोटो: रोहित जैन
13000 hectares of forest submerged in Sardar Sarovar Dam and partial submergence of Vindhya and Satpuda hills. Photo: Rohit Jain. | सरदार सरोवर बांध में जलमग्न 13,000 हेक्टेयर जंगल और विंध्य व सतपुड़ा पहाड़ियों का कुछ भाग। फोटो: रोहित जैन
Tribal market and celebrations of tribal festival. Photo: Rohit Jain. | आदिवासी बाजार और आदिवासी त्योहार का जश्न। फोटो: रोहित जैन
Tribal market, Madhya Pradesh. Photo: Rohit Jain | आदिवासी बाजार, मध्य प्रदेश। फोटो: रोहित जैन
Homes and villages turn into islands, surrounded by waters of Sardar Sarovar Dam. Photo: Rohit Jain | सरदार सरोवर बांध के पानी से घिरे घर और गांव द्वीपों में बदल गए हैं। फोटो: रोहित जैन
Agricultural practices, Alirajpur, Madhya Pradesh. Photo: Rohit Jain | कृषि पद्धतियां, अलीराजपुर, मध्य प्रदेश। फोटो: रोहित जैन
Sustainable living, making of roof tiles, tribal village, Madhya Pradesh. Photo: Rohit Jain | टिकाऊ जीवनशैली, छत के लिए कवेलु का निर्माण, आदिवासी गांव, मध्य प्रदेश। फोटो: रोहित जैन
Submergence of forests, trees, lands and hills by Sardar Sarovar Dam. Photo: Rohit Jain | सरदार सरोवर बांध के पानी में जंगलों, पेड़ों, भूमि और पहाड़ियों का जलमग्न होना। फोटो: रोहित जैन
श्रीपाद धर्माधिकारी, नर्मदा बचाओ आंदोलन के पूर्व कार्यकर्ता, जल और ऊर्जा के मुद्दों पर शोधकर्ता द्वारा ली गई तस्वीरें
NBA Protest, tribal village Pendrapada, 1989. Photo: Shripad Dharmadhikary | नर्मदा बचाओ आंदोलन का विरोध प्रदर्शन, आदिवासी गांव पेंड्रापाड़ा, 1989। फोटो: श्रीपाद धर्माधिकारी
Police enter village Manibeli, Maharashtra for eviction of houses and forest clearing/ tree felling. Early 1990s. Photo: Shripad Dharmadhikary | घरों से लोगों को बेदखल करने और जंगल/पेड़ों की कटाई के लिए 1990 के दशक की शुरुआत में पुलिस का महाराष्ट्र के मणिबेली गांव में प्रवेश। फोटो: श्रीपाद धर्माधिकारी
Khalghat Bridge Blockade by NBA demanding review of SSP in 1990. Photo: Shripad Dharmadhikary | 1990 में सरदार सरोवर परियोजना की समीक्षा की मांग करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा खलघाट पुल की नाकाबंदी। फोटो: श्रीपद धर्माधिकारी
NBA celebration at village Kasravad of the withdrawal of the World Bank from funding the SSP in 1993. Photo: Shripad Dharmadhikary | 1993 में सरदार सरोवर परियोजना को दी जा रही वित्तीय सहायता को विश्व बैंक द्वारा वापस लिए जाने का नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा गांव कसरावद में जश्न। फोटो: श्रीपद धर्माधिकारी
NBA protest in Japan against Japanese funding of SSP, 1990s. Photo: Shripad Dharmadhikary. | 1990 के दशक में सरदार सरोवर परियोजना को जापान द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता के खिलाफ जापान में नर्मदा बचाओ आंदोलन का विरोध प्रदर्शन। फोटोः श्रीपाद धर्माधिकारी
Submergence of Baba Amte's residence, "Nijbal", in village Kasravad and submergence of an old temple in Sardar Sarovar Dam, 2019. Photo: Shripad Dharmadhikary | सरदार सरोवर बांध के पानी में गांव कसरावद में स्थित बाबा आमटे का निवास, “निजबल" और एक पुराने मंदिर का जलमग्न होना, 2019। फोटो: श्रीपद धर्माधिकारी
Submergence of Village Kadmal, MP in Sardar Sarovar Dam, 2019. Photo: Shripad Dharmadhikary | सरदार सरोवर बांध में मध्य प्रदेश के कडमाल गांव का जलमग्न होना, 2019। फोटो: श्रीपद धर्माधिकारी
Submerges of Village Chikhalda, in MP in Sardar Sarovar Dam, 2019. Photo: Shripad Dharmadhikary. | मध्य प्रदेश में सरदार सरोवर बांध में ग्राम चिखल्दा का जलमग्न होना, 2019। फोटो: श्रीपाद धर्माधिकारी
Submerges of Village Chikhalda, in MP in Sardar Sarovar Dam, 2019. Photo: Shripad Dharmadhikary. | मध्य प्रदेश में सरदार सरोवर बांध में ग्राम चिखल्दा का जलमग्न होना, 2019। फोटो: श्रीपद धर्माधिकारी
Dogs refuse to leave partially submerged homes by Sardar Sarovar Dam, 2019. Photo: Shripad Dharmadhikary. | सरदार सरोवर बांध के पानी में आधे डूबे हुए घरों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे कुत्ते, 2019। फोटो: श्रीपाद धर्माधिकारी