बिसलपुर बांध संघर्ष समिति, टोंक, राजस्थान
बांध बने हुए 8 साल हो गए और लोग डूब गए। सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया था कि मुआवज़ा मिलेगा। लोगों ने भरोसा किया लेकिन सरकार ने धोखा दिया। न ज़मीन है, न घर है, न खाने को कुछ। 4 साल हो गए 65 गाँव डूबे हुए हैं। हमें मूँगफली, बाजरा, मक्का, ज्वार, मटर—कुछ भी नहीं मिलता। हम परेशान हैं।
हमें ज़मीन के बदले ज़मीन नहीं मिली। गाँव की सारी महिलाएँ—जैसे कालीबाई, मंगीबाई—सब ने मिलकर नर्मदा भवन जाने का फैसला किया। हमने सोचा संगठन बनाते हैं, मिलकर लड़ते हैं। तो हमने संघर्ष शुरू किया। हम 80,000 लोग थे। हम जीते।