डूब प्रभावित गांव वडगाम, गुजरात
पुनर्वास स्थल धरमपुरी, गुजरात
वर्ष 2009 और 2023 में किए गए साक्षात्कार
“…हम जबसे अपनी पुश्तैनी ज़मीनें छोड़ कर यहां (पुनर्वास स्थल) आये हैं तब से हमें सभी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है…. हमारे पुराने गांव में हमें कोई परेशानी नहीं थी। हम वहां खुश थे, पर यहां रहकर कोई ख़ुशी नहीं है…. पुनर्वास की इस जगह पर आने के बाद हमें रातों को नींद नहीं आती है, ऐसी हालत है दीदी। हमें यहां आए 12 से 13 साल हो गए हैं पर मुझे कभी भी कोई ख़ुशी महसूस नहीं हुई। हमारी उम्र यहाँ पर कम ही हुई है, ज़्यादा नहीं हुई। इतनी दिक्कतें हैं यहाँ पर। हम विदेशी ज़मीन पर हैं यहाँ, तो विदेशी लोगों की तरह ही रहना पड़ेगा, दीदी…”
-चंपाबेन तड़वी
वर्ष 1994 में चंपाबेन तड़वी को अपने गांव वडगाम से जबरन विस्थापित किए जाने की घटना को मैंने अपनी आँखों से देखा था। वडगाम, सरदार सरोवर बाँध के पानी में डूबने वाले 245 गांवों में से पहला गांव था। चंपाबेन और उनके परिवार को पुलिस द्वारा अपने गांव से जबरन बेदखल कर दिया गया और उन्हें और उनके घर के सामान को ट्रकों में डालकर गुजरात के वड़ोदरा जिले के दभोई के नज़दीक स्थित धर्मपुरी पुनर्वास स्थल भेज दिया गया। यहां साझा की जा रही दो क्लिप, उनके साथ किए गए दो साक्षात्कारों से ली गई हैं – पहला साक्षात्कार वर्ष 2009 में, वडगाम से विस्थापन के 13 सालों बाद और दूसरा साक्षात्कार वर्ष 2023 में, वडगाम से विस्थापन के 28 सालों बाद किया गया था।
इन दोनों क्लिप में, चंपाबेन, सरदार सरोवर बाँध के कारण विस्थापित होने वाली एक आदिवासी महिला के जीवन और उससे जुड़े संघर्षों के पिछले तीन दशकों से भी लंबे इतिहास की गहराई में जाती हैं।
उनके साथ वर्ष 2009 में किए गए साक्षात्कार से ली गई इस पहली क्लिप में, चंपाबेन उनके और आदिवासी समुदाय द्वारा बाँध के निर्माण और उससे होने वाले विस्थापन के खिलाफ लड़े गए संघर्ष, प्रभावित परिवारों द्वारा अनुभव किए गए जबरन विस्थापन और पुनर्वास स्थल पर बसाए जाने, बाँध के पानी में डूबने से पहले नर्मदा के किनारे गुज़री उनकी ज़िन्दगी और विस्थापन के बाद पुनर्वास स्थल पर बीत रहे उनके जीवन की दास्तान बयां करती हैं। वे बताती हैं कि किस तरह धर्मपुरी पुनर्वास कॉलोनी में बसाए जाने के 28 सालों के बाद भी उन्हें कभी भी घर जैसा महसूस नहीं हुआ।
चंपाबेन के साथ वर्ष 2023 में किए गए साक्षात्कार से ली गई इस दूसरी क्लिप में वे बयां करती हैं कि धर्मपुरी पुनर्वास स्थल पर आकर बसने के बाद 28 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं और वर्ष 2009 में पहली बार साक्षात्कार करने के बाद से अब तक, उनके जीवन में कोई सुधार नहीं हुआ है।
दूसरी क्लिप चंपाबेन के साथ वर्ष 2023 में किए गए साक्षात्कार से है, जो उनके साथ वर्ष 2009 में किए गए पहले साक्षात्कार के 14 सालों बाद किया गया था। यह साक्षात्कार इसलिए भी महत्व रखता है क्योंकि इसे उनके जबरन विस्थापन (वर्ष 1994) के 28 सालों बाद और वर्ष 2009 में धर्मपुरी पुनर्वास स्थल पर उनके साथ किए गए पहले साक्षात्कार के 14 सालों के बाद किया गया था। विस्थापित किए जाने और धर्मपुरी पुनर्वास स्थल में बसने के 28 सालों बाद, और वर्ष 2009 में किए गए पहले साक्षात्कार के 14 सालों के बाद, क्या यह पुनर्वास स्थल चंपाबेन का घर बन पाया है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए इस दूसरी क्लिप को ज़रूर देखें।
क्लिप (1) की अवधी: 1:15:00
भाषा: मूल आवाज़ गुजराती में, सबटाइटल्स अंग्रेजी में
सबटाइटल्स को वीडियो के नीचे दाईं ओर ‘CC’ बटन पर क्लिक करके चालू और बंद किया जा सकता है
क्लिप (2) की अवधी: 0:28:20
भाषा: मूल आवाज़ गुजराती में, सबटाइटल्स अंग्रेजी में
सबटाइटल्स को वीडियो के नीचे दाईं ओर ‘CC’ बटन पर क्लिक करके चालू और बंद किया जा सकता है